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ज्योतिष की दुनिया में रत्नों का बहुत महत्व है। जीवन में सुख की कामना की पूर्ति के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रत्न पहने जाते हैं लेकिन सेहत पर भी इन रत्नों का बहुत बढिया असर देखेने को मिलता है। कई रोगों से बचाव के लिए रत्न धारण किए जाते हैं। आज हम आपको बताएंगें कि कौन-सा रत्न किस प्रकार के रोग में फायदेमंद रहता है।
माणिक्य, सूर्य का रत्न है और यह रत्न जीवन में सफलता प्रदान करता है। दिल से संबंधित रोगों और निम्न रक्तचाप के मरीज़ों के लिए माणिक्य रत्न धारण करना उत्तम रहता है। आंखों से जुड़े रोगों में भी माणिक्य फायदेमंद रहता है। इस रत्न से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
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मोती, चंद्रमा का रत्न है जो मानसिक रोगों से बचाता है। जिन लोगों को बहुत ज्यादा तनाव रहता हो उन्हें मोती रत्न धारण करना चाहिए। इसके अलावा निराशा, श्वास सम्बन्धी रोग, सर्दी-जुकाम के लिए मोती पहनना गुणकारी होता है।
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मूंगा, मंगल का रत्न् है और यह रत्न ऊर्जा से भर देता है। किडनी के रोगियों को मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। पीलिया रोग में मूंगा रत्न काफी फायदेमंद रहता है। बच्चों को मूंगा पहनाने से बालारिष्ठ रोग से बचाव होता है।
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पन्ना, बुध का रत्न है और यह त्वचा से संबंधित रोगों से बचाव करता है। पन्ना रत्न को धारण करने से त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा पन्ना रत्न पहनने से दमा, खांसी, मिचली, अनिद्रा तथा टांसिल होने की संभावना भी कम रहती है।
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गुरु का रत्न पुखराज मोटापे को नियंत्रित रखने की शक्ति रखता है। वहीं जो लोग बहुत दुबले हैं उनकी सेहत में भी सुधार लाता है। पुखराज धारण करने से ब्लडप्रेशर सामान्य रहता है और अल्सर और सन्निपात जैसे रोगों से सुरक्षा मिलती है।
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शुक्र का रत्न सफ़ेद पुखराज शरीर में रक्त की कमी की शिकायत को दूर करता है। मोतियाबिंद और नपुंसकता जैसे रोगों से बचने के लिए भी हीरा रत्न धारण करना चाहिए। इसके अलावा हीरा पहनने से एनीमिया, हिस्टीरिया तथा क्षय रोग से बचाव होता है।
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शनि का रत्न नीलम हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह रत्न मिर्गी, ज्वर, गठिया, एवं बवासीर के रोग में भी फायदा पहुंचाता है।
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गोमेद राहु का रत्न है और ये रत्न पाचन और पेट से संबंधित रोगों से छुटकारा दिलाता है। इस रत्न को पहनने के बाद से बौद्धिक क्षमता बढ़ने लगती है। सर्दी, कफ तथा पित्त के रोग में भी गोमेद रत्न लाभकारी रहता है।
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केतु का रत्न लहसुनिया सर्दी और खांसी से बचाता है। एनीमिया की शिकायत रहती है तो भी आपको लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।
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